स्वयं(खुद) रक्षा और शत्रु नाश हेतु श्री वीर भैरो मंत्र
मंत्र :-
हमे जो सतावे, सुख न पावे सतो जनम।
इतनी अर्ज सुन लीजे, वीर भैरो। आज तुम।
जितने होए शत्रु मेरे, और जो सातये मुझे।
वाही का रक्त-पान, स्वान कराओ।।
मार-मार खण्डग से, कांत डारो माथ उनके।
कालका भवानी, सिंह-वाहिनी को छोड़।
मैंने करी आस तेरी, अब करो काज इतनो तुम।।
विधि:- संवा सैर बूंदी के लड्डू , नारियल, अगरबती और लाल फूलो की माला से श्री वीर का पूजन करे। बाद में जब ज़रूरत हो तो ७(7 ) पाठ नित्य करे इससे खुद की रक्षा होती है और शत्रु-कुल का नाश होता है।
Shri Vir se apka matlab Bhairon devta se hai? Kya ye puja mandir me karni hai ya ghar par hi? Yadi ghar par ho sakti hai to kripa purn vidhi batayen! Dhanyavad!
ReplyDeleteMandir mein puja jayada acha asar karti hai hai parantu ap ghar par bhi ye proyog kar sakte hai..... bhairon baba ki photo, murti pe samgri chadaye jo upar di gayi hai phir mantra jap shuru kar de.....
ReplyDeleteJee Ha "Veer" matlab "Bhairon" he hai....